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II SÉRIE-A — NÚMERO 85

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आय पर करों के सबंधं में दोहरे कराधान के पररहार तथा वित्तीय अपिचंन को रोकने के लिए पतुतगाि गणराज्य की

सरकार तथा भारत गणराज्य की सरकार के बीच अलभसमय का सशंोधनकारी प्रोटोकॉि

परु्तगाल गणराज्य की सरकार र्था भारर् गणराज्य की सरकार

आय पर करों के सबंधं में दोहरे कराधान के पररहार तथा वित्तीय अपिचंन को रोकने के लिए पतुतगाि गणराज्य की

सरकार तथा भारत गणराज्य की सरकार के बीच अलभसमय (जिस ेइसके बाद ''अलभसमय'' कहा गया है), जिस पर 11

लसतबंर, 1998 को हस्ताक्षर ककये गये थ,े को सशंोधधत करने की इच्छा से,

इस प्रकार सहमर् हुए हैं:

अनचु्छेद I

अलभसमय के अनचु्छेद 26 के पाठ को हटाया गया और ननम्नलिखित से प्रनतस्थावपत ककया गया:

“1. सवंिदाकारी राज्यों के सक्षम प्राधिकारी ऐसी सचूना (दस्र्ािेजों अथिा दस्र्ािेजों की अधिप्रमाणणर् प्रतर्यों सहहर्)

का आदान-प्रदान करेंग ेजो कक इस अभभसमय के उपबिंों को अथिा सवंिदाकारी राज्यों अथिा उनके राजनतैर्क या

प्रशासतनक उप-प्रभागों अथिा स्थानीय प्राधिकरणों की ओर से लगाए गए प्रत्येक प्रकार एि ंवििरण के करों के सबंिं में

घरेल ूकाननूों के प्रशासन अथिा प्रित्र्तन को कियान्विर् करने के भलए अनमुानर्: सगंर् हैं, जहां र्क कक उनके अिीन

करािान व्यिस्था इस अभभसमय के प्रतर्कूल नहीं है। सचूनाओ ंका आदान-प्रदान अनचु्छेद 1 और 2 द्िारा प्रतर्बधंिर्

नहीं है।

2. सवंिदाकारी राज्य द्िारा परैाग्राफ 1 के अरं्गतर् प्राप्र् की गई कोई सचूना उस राज्य के आंर्ररक काननूों के अरं्गतर्

प्राप्र् सचूना के समान ही गपु्र् समझी जाएगी और उस े केिल उन व्यन्तर्यों अथिा प्राधिकाररयों (वयायालय और

प्रशासतनक तनकाय शाभमल हैं) को प्रकट ककया जाएगा जो परैाग्राफ 1 में उन्ललणिर् करों के सबंिं में करों के तनिातरण

अथिा उनकी िसलूी करने, उनके प्रिर्तन अथिा अभभयोजन के सबंिं में अथिा अपीलों का तनिातरण करने या उपयुत र् की

चूक से सबंद्ध हो। ऐसे व्यन्तर् अथिा प्राधिकारी केिल ऐसे प्रयोजनों के भलए सचूना का उपयोग करेंगे। िे इस सचूना को

साितजतनक वयायालय की कायतिाहहयों अथिा वयातयक तनणतयों में प्रकट कर सकें गे। भले ही पिूोतर् सचूनाओ ंमें कुछ भी

कहा गया हो, सवंिदाकारी राज्य द्िारा प्राप्र् की गई सचूनाएं दसूरे प्रयोजनों के भलए प्रयोग की जा सकर्ी हैं, जब ऐसी